ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व जानिए की केसे करें बिना तोड़-फोड़ के वास्तु सुधार ‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’ Goddess Devi was pleased, you picked https://in.pinterest.com/vashikaranspecialistnexpert/